मुस्कान: राधा शैलेन्द्र द्वारा रचित कविता
जीवन में बहार भर देती है
बुझे बुझे से चेहरे में
जीवन भर देती है!
एक आपकी मुस्कान
जज्बातों में प्यार भर देती है
थके थके कदमों में
हौसले भर देती है!
एक आपकी मुस्कान
जीवन मेंआशा का संचार भर देती है
उजड़े उजड़े चमन में
बहार भर देती है!
एक आपकी मुस्कान
खामोशी में शोर भर देती है
मेरी जिंदगी की किताब में
कहानियां भर देती है
एक आपकी मुस्कान
मेरे मकान में घर भर देती है
मेरे होने की वजह सिर्फ
मुस्कान है आपकी
ये वजह भर देती है मुझमें जीने का हौसला!
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