PRESS RELEASE: BHAASHA 2020 (ASSAMESE)
Press Release: Celebrating Assamese Art, Culture and Literature through the Asian Literary Society's BHAASHA 2020 Program
The Asian Literary Society (ALS) in association with the Journal of Asian Art, Culture, and Literature (JAACL) organized BHAASHA 2020 (Assamese) program on 29th November 2020 in which eminent literary luminaries and acclaimed artists participated.
The day-long event began with a welcome note by Mr. Manoj Krishnan (Founder, Asian Literary Society). It was followed by a live session with Dr. Arupa Kalita Patangia (Eminent Assamese Writer & Sahitya Akademi Award Winner). Later in the day, a panel discussion on Assamese art, culture, and literature was organized with eminent personalities - Dr. Kuladhar Saikia (President, Assam Sahitya Sabha & Sahitya Akademi Award Winner), Dr. Moushumi Kandali (Eminent Writer & Art Historian), and Mr. Arindam Borkataki (Eminent Writer & Akademi Youth Award Winner). This discussion about the richness of Assamese literature held the audience spellbound. The second live session included Ms. Manikuntala Bhattacharjya (Eminent Writer & Award-winning Novelist) and Dr. Bijoy Sankar Barman (Eminent Writer & Sahitya Akademi Youth Award Winner). Dr. Bishakha Sarma and Ms. Anita Chand (erudite writers and ALS administrators) moderated these sessions.
A huge magnet of BHAASHA 2020 program were the soulful performances of Assamese songs and dances by Ms. Anurekha Barkakoti, Ms. Anita Chand, Dr. Aparna Bagwe, Ms. Dipanju Buragohain, Ms. Dipima, Ms. Kavita Verma, Ms. Mani Saxena, Ms. Moushumi Phukan Gupta, Ms. Deshna Mahanta, Dr. Nipam Kumar Saikia, Ms. Pratigya Chetia, Ms. Sangeeta Gupta, and Ms. Shivpriya, that enthralled the audience.
An online Art Exhibition on the theme "Assam" was also organized by the Society where artworks of Mr. Agniv Dutta, Ms. Aida G. Roque, Dr. Aparna Bagwe, Dr. Aparna Pradhan, Ms. Anita Chand, Ms. Deepika Singh, Mr. Manoj Krishnan, Ms. Neeti Parti and Ms. Shivpriya were displayed.
Another session was on Poetry Recitation and Storytelling in Assamese or presentation of English translations of famous writers' work. The poets and writers included Mr. Amrit Jyoti Mahanta, Ms. Anu Rani Devi, Ms. Anurekha Barkakoti, Dr. Aparna Bagwe, Dr. Aparna Pradhan, Dr. Bimala Deka, Dr. Bishakha Sarma, Ms. Bondona Dutta, Ms. Dalimi Devi, Mr. Dipanjan Kashyap, Ms. Dipanju Buragohain, Mr. Guna Moran, Ms. Jurimoni Mahanta, Ms. Kavyashree Mahanta, Ms. Kiren Babal, Ms. Mani Saxena, Ms. Mandira Ghosh, Dr. Manjumala Das, Ms. Monideepa, Ms. Mousumee Baruah, Ms. Pompy Hajong, Ms. Maini Mahanta, Ms. Navamalati Neog Chakraborty, Ms. Neeti Parti, Ms. Preeti Bora, Dr. Runa Gogoi, Mr. Ratan Bhattacharjee, Dr. Ramani Kanta Thakuria, Dr. Ramen Sarma, Ms. Surekha Sahu, Dr. Srutimala Duara, Mr. Tarini Saikia and Dr. Varsha Das.
The program ended with the felicitation of all the participants - writers, poets, and all the artists, and a vote of thanks. This initiative by ALS too received a very warm and positive response from the participants as well as the audience members.
২৯ /১১/২০২০ দেওবাৰে, দিল্লীৰ প্ৰখ্যাত এছিয়ান লিটাৰেৰি চছাইটিয়ে,জাৰ্ণাল অফ এছিয়ান আৰ্ট,কালচাৰ এণ্ড লিটাৰেচাৰৰ সহযোগত ,(ভাষা শৃংখলাৰ ২০২০ )দিনটোযোৰা কায্য সূচীৰে অসমীয়া, ভাষা,ক'লা সংস্কৃতিৰ উৎসৱ উদযাপন কৰে।
দিনটোযোৰা কায্য সূচী আৰম্ভনী হয়,সংস্থাৰ প্ৰতিষ্ঠাতা তথা প্ৰখ্যাত কবি,লিখক,চিত্ৰশিল্পী মনোজ কৃষ্ণনৰ আদৰণি ভাষনেৰে।
অসমৰ বহুতো গুণী মানি প্ৰসিদ্ধ সাহিত্যিক তথা শিল্পীয়ে সভাৰ সৌষ্ঠৱ বৃদ্ধি কৰে।
সভা আৰম্ভ হয় বিশিষ্ট লেখিকা তথা অতি আদৰৰ সাহিত্য অকাডেমি বিজেতা অৰুপা পটঙ্গীয়া কলিতা লগত হোৱা লাইভ বৈঠকেৰে।
প্ৰিয় সাহিত্যিক গৰাকীয়ে অসমীয়া সাহিত্যৰ গৌৰৱময় ইতিহাসৰ বিষয়ে অতি সাৱলীল ভাৱে আলোচনা কৰে। এই বৈঠকৰ পৰিচালনা কৰে এছিয়ান লিটাৰেৰি চছাটিৰ সন্মানীয় প্ৰশাসক ডঃ বিশাখা শৰ্মাই।
ইয়াৰ পিছৰ কায্য সূচীত ,আলোচনা চক্ৰত ভাগ লয় ,অসম সাহিত্য সভা সভাপতি তথা সাহিত্য অকাডেমি বিজেতা ডঃ কুলধৰ শইকীয়া, বিশিষ্ট লেখিকা তথা বুৰঞ্জীবিদ মৌচুমী কন্দলি,আৰু বিশিষ্ট লেখক তথা সাহিত্য অকাডেমি যুব বঁটা বিজেতা,অৰিন্দম বৰকাকতিয়ে। আলোচনা চক্ৰত ঐশ্বয্যপূৰ্ণতাৰে ভৰা অসমীয়া সাহিত্য বিষয়ে অতি সুন্দৰ কৈ আলোচনা কৰে আৰু শ্ৰোতাক মন্ত্ৰমুগ্ধ কৰে।
দ্বিতীয় লাইভ বৈঠকত অংশগ্ৰহণ কৰে বিশিষ্ট বঁটা বিজয়ী লেখিকা মণিকুন্তলা ভট্টাচাৰ্য, আৰু বিশিষ্ট লেখক তথা সাহিত্য অকাডেমি যুৱ বঁটা প্ৰাপ্তি ডঃ বিজয় শংকৰ বৰ্মণে। বৈঠকৰ পৰিচালনা কৰে এছিয়ান লিটাৰেৰি চছাটিৰ প্ৰশাসক প্ৰসিদ্ধ লেখিকা ডঃ বিশাখা শৰ্মা আৰু অনীতা চান্দে।
ইয়াৰ পিছতে জাকজমকীয়া সাংস্কৃতিক অনুষ্ঠান আৰম্ভ হয়,অসমৰ বাৰেৰহনীয়া সংস্কৃতি জিলিকি উঠে। অংশগ্ৰহণকাৰি সকলে দৰ্শকক মুগদ্ধ কৰে।
অংশগ্ৰহণকাৰী সকল হৈছে শ্ৰীমতী অনুৰেখা বৰকাকতি,শ্ৰীমতী অনীতা চান্দ, অৰ্পণা বাগৰে্, দীপাঞ্জু বুঢ়াগোহাঁই, শ্ৰীমতী দীপীমা,শ্ৰীমতী কবিতা ভাৰ্মা,শ্ৰীমতী মণি চাক্সেনা,শ্ৰীমতীমৌচুমী ফুকন গুপ্তা,ডঃ নিপম কুমাৰ শইকীয়া, কণমানি প্ৰতিজ্ঞা চেতিয়া, শ্ৰীমতী সংগীতা গুপ্তা, শ্ৰীমতী শিৱপ্ৰিয়া।
ইয়াৰ পৰৱৰ্তী কায্য সূচী আছিল,অনলাইন আৰ্ট প্ৰদৰ্শনী ।বিষয় ,অসম। ইয়াত ভাগ লয় ,শ্ৰীযুত অগ্নিভ দত্ত, শ্ৰীমতী আইডা জি ৰোক, ডঃ অৰ্পণা বাগৰে্ ডঃ অৰ্পণা প্ৰধান শ্ৰীমতী,অনীতা চান্দ,শ্ৰীমতী দীপীকা সিং,শ্ৰী যুত মনোজ কৃষ্ণন,শ্ৰীমতী নীতি পৰ্তী,শ্ৰীমতী শিৱপ্ৰিয়া।
দিনটো যোৰা কায্য সূচী সামৰণি পৰে সকলো অংশগ্ৰহণকাৰী, বিশিষ্ট অতিথি সকলক সম্বাধৰ্ণা আৰু অভিনন্দননেৰে । শলাগৰ শৰাই আগবঢ়াই এছিয়ান লিটাৰেৰি চছাইটিৰ তৰফৰ পৰা প্ৰতিষ্ঠাতা শ্ৰী যুত মনোজ কৃষ্ণন ডাঙৰীয়াই।
এছিয়ান লিটাৰেৰি চছাইটিৰ এই প্ৰচেষ্টাক সকলোৱে অভিনন্দন জনাই আৰু শলাগে।
অংশগ্ৰহণ কাৰী,বিশিষ্ট অতিথি, শ্ৰোতা বৃন্দ সকলোৱে এছিয়ান লিটাৰেৰি চছাইটিৰ দীঘায়ু কামনা কৰে।
एशियन लिटरेरी सोसाइटी (ए एल एस) एवं जर्नल ऑफ एशियन आर्ट, कल्चर और लिटरेचर (जैकल) के तत्वावधान से भाषा 2020 (असमिया) कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रख्यात असमिया साहित्यकारों और कलाकारों ने भाग लिया।
एक दिवसीय इस आयोजन की शुरुआत श्री मनोज कृष्णन (संस्थापक, एशियन लिटरेरी सोसाइटी) के स्वागत भाषण से हुई। इसके बाद डॉ. अरूपा कलिता पतंगिया (प्रख्यात असमिया लेखिका और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता) के साथ लाइव सत्र आयोजित किया गया। तत्पश्चात असमिया कला, संस्कृति और साहित्य पर एक चर्चा का आयोजन किया गया जिसमें - डॉ. कुलाधर सैकिया (अध्यक्ष, असम साहित्य सभा और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता), डॉ. मौसमी कंडाली (प्रख्यात लेखिका और कला इतिहासकार) , और श्री अरिंदम बोरकटकी (प्रख्यात लेखक और अकादमी युवा पुरस्कार विजेता) ने भाग लिया । एक अन्य लाइव सत्र में सुश्री मानिकुंतला भट्टाचार्य (प्रख्यात लेखिका और उपन्यासकार) और डॉ. बिजय शंकर बर्मन (प्रख्यात लेखक और साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार विजेता) शामिल थे। डॉ. बिशाखा सरमा और सुश्री अनिता चंद ने इन सत्रों को संचालित किया।
भाषा 2020 कार्यक्रम का की खास आक्रषण असमिया गीतों और नृत्यों की भावपूर्ण प्रस्तुतियाँ थीं जिसके प्रतिभागी सुश्री अनुरेखा बरकोटी, सुश्री अनिता चंद, डॉ। अपर्णा बागवे, सुश्री दीपांजू बरगौहिन, सुश्री कविता वर्मा, सुश्री मणि सक्सेना , सुश्री मौसमी फुकन गुप्ता, डॉ. नीपम कुमार सैकिया, सुश्री प्रतिज्ञा चेतिया, सुश्री संगीता गुप्ता, सुश्री देशना महंता और सुश्री शिवप्रिया ने अपनी कला से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
"असम" विषय पर एक ऑनलाइन कला प्रदर्शनी भी सोसाइटी द्वारा आयोजित की गई थी जहाँ श्री अग्नीव दत्ता, सुश्री आईडा रॉग, डॉ. अपर्णा बागवे, डॉ. अपर्णा प्रधान, सुश्री अनिता चंद, सुश्री दीपिका सिंह , श्री मनोज कृष्णन, सुश्री नीती परती और सुश्री शिवप्रिया की कलाकृतियाँ को प्रदर्शित किया गया।
एक सत्र काव्य पाठ और असमिया कथा वचन का था जिसमें श्री अमृत ज्योति महंता , सुश्री अनु रानी देवी, सुश्री अनुरेखा बरकोकोटी, डॉ. अपर्णा बागवे, डॉ. अपर्णा प्रधान, डॉ. बिमला डेका, डॉ. बिशाखा सरमा, सुश्री बंदना दत्ता, सुश्री डालिमी देवी, श्री दीपनंजन कश्यप, सुश्री दीपांजू बरगौहिन, श्री गुना मोरन, सुश्री जुरिमोनी महंत, सुश्री काव्यश्री महंत, सुश्री किरण बाबल, सुश्री मणि सक्सेना, सुश्री मंदिरा घोष, डॉ. मंजुमाला दास, सुश्री मोनीदीपा, सुश्री मौसमी बरुआ, सुश्री पोम्पी हाज़ोंग, सुश्री मैनी महंता, सुश्री नवमालती नेग चक्रवर्ती, सुश्री नीती परती, सुश्री प्रीति बोरा, डॉ. रुणा गोगोई, श्री रतन भट्टाचार्जी, डॉ. रमनी कांता ठाकुरिया, डॉ। रामेन सरमा, सुश्री सुरेखा साहू, डॉ. श्रुतिमाला दुआरा, श्री तारिणी सैकिया और डॉ. वर्षा दास ने भाग लिया।
सभी कलाकारों को संस्थापक श्री मनोज कृष्णन द्वारा असमिया भाषा महोत्सव के अंत में सम्मानित किया गया।
एशियन लिटरेरी सोसाइटी की भाषा महोत्सव को दुनिया भर के पाठकों एवं दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और उन्होंने कोरोनोवायरस महामारी के समय एशियन लिटरेरी सोसाइटी (ए एल एस) एवं जर्नल ऑफ एशियन आर्ट, कल्चर और लिटरेचर (जैकल) की इस पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
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